
उपभोक्ता खुफिया फर्म नीलसनआईक्यू ने जुलाई से सितंबर की तिमाही में भारत के एफएमसीजी (फास्ट मूविंग कंज्यूमर गुड्स) सेक्टर में 5.7% मूल्य और 4.1% मात्रा के आधार पर वृद्धि दर्ज की है। शहरी बाजारों की तुलना में ग्रामीण क्षेत्रों में एफएमसीजी उत्पादों की मांग अधिक बढ़ी, जहां 6% की वृद्धि दर्ज की गई, जबकि शहरी क्षेत्र में यह वृद्धि 2.8% रही।
नीलसनआईक्यू के वाणिज्यिक प्रमुख, रूजवेल्ट डिसूजा ने कहा कि एफएमसीजी सेक्टर ने मूल्य स्थिरता के साथ लचीलापन दिखाया है। आर्थिक मंदी के बावजूद, पारंपरिक व्यापार में 4.1% और आधुनिक व्यापार में शहरी क्षेत्र में बढ़ोतरी देखी गई है।
एचयूएल के सीईओ रोहित जावा ने कहा कि शहरी बाजार में मामूली वृद्धि हुई है, परंतु ग्रामीण बाजार तेजी से सुधार कर रहा है। उन्होंने बताया कि कच्चे पाम तेल की कीमतों में वृद्धि के कारण लागत में वृद्धि हुई है, जिसके चलते कंपनी ने उपभोक्ताओं पर बढ़ी हुई लागत का आंशिक बोझ डालने का निर्णय लिया है।
टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स के सीईओ, सुनील डिसूजा ने शहरी मांग में नरमी के बारे में चर्चा की और कहा कि खाद्य मुद्रास्फीति के प्रभाव को समझना जरूरी है, ताकि उपभोक्ताओं पर पड़े तनाव को कम किया जा सके।
निष्कर्ष: इस तिमाही में एफएमसीजी उद्योग में वृद्धि में ग्रामीण बाजार की मांग ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जो उद्योग के लिए सकारात्मक संकेत है। आने वाले महीनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि शहरी और ग्रामीण बाजारों के बीच संतुलन किस तरह बनता है।


